सामाजिक, आíथक, राजनीतिक रूप से समाज को किया सुशिक्षित

जासं,बागेश्वर:अगरमनमेंलगनहोतोकोईभीचीजअसंभवनहींहै।ऐसाहीकुछकरदिखायाराधाबहनने।राधाबहनकईदशकोंसेमहिलाशिक्षा,सशक्तिकरण,ग्रामस्वराज,सामाजिककुरीतियोंकोदूरकरनेकाकामकरनेमेंजुटीहुईहैं।उनकेमार्गदर्शनसेआजकईमहिलाएंशिक्षितहोकरआत्मनिर्भरबनकरसमाजकोदिशादेनेमेंलगीहैं।राधाबहनकाजन्म16अक्टूबर1934कोधुरखा,जिलाअल्मोड़ामेंहुआ।1951मेंउन्होंनेइंटरमीडिएटकीशिक्षापूरीकरलक्ष्मीआश्रमचलीगई।लक्ष्मीआश्रमकीस्थापनासरलाबहनने1946मेंकी।महात्मागांधीसेप्रभावितहोकरइग्लैंडकीकैथरीनमेरीहेल्मनउनकीशिष्याबनी।946मेंउन्होंनेकस्तूरबामहिलाउत्थानमंडललक्ष्मीआश्रमकौसानीकीस्थापनाकी।पहलेउन्होंनेयहांबोíडंगस्कूलचलाया।1982मेंउनकानिधनहोगया।इसकेबादराधाबहननेसरलाबहनकीप्रेरणामेंअवैधखनन,नशाखोरी,पर्यावरणसंरक्षणकेलिएकार्यकिया।1966मेंवहकस्तूरबामहिलाउत्थानमंडलकीप्रमुखबनीं।ग्रामस्वराजकेउद्देश्योंकोपूराकरनेकेलिएगांवगोदलिए।1970-1990तकउन्होंनेपर्यावरणसंरक्षणकेलिएटिहरीजैसविनाशकारीबांधकाविरोधकिया।इसकेअलावाउन्होंनेदेशहीनहींविदेशोंमेंभीगांधीवादीविचारधाराकाप्रसारकिया।लक्ष्मीआश्रममेंबालिकाओंकीशिक्षापरविशेषरूपसेकार्यकिया।कईबालिकाएंआजसफलहोकरविभिन्नक्षेत्रोंमेंकामकररहीहैं।वर्तमानमेंयहां70बालिकाएंअध्ययनकरस्वरोजगारकाप्रशिक्षणलेरहीहैं।राधाबहनकेसमर्पणकोदेखतेहुएउन्हेंगांधीपीसफाउंडेशनकाअध्यक्षबनायागया।वहइसपदपरबैठनेवालीपहलीमहिलाबनीं।उनकोउनकेसमर्पणकेलिएजानकीदेवीबजाजअवार्ड,गोदावरीअवार्ड,इंदिराप्रियदर्शनी,मुनिसंतबलअवार्डआदिसेनवाजागया।वहशांतिनोबलपुरस्कारकेलिएभीनामांकितकीगईथी।