रुड़की में 92 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी डा. सिन्हा का निधन

रुड़की,[जेएनएन]:शुक्रवारकोशिक्षानगरीकेचंद्रपुरीनिवासी92वर्षीयस्वतंत्रतासंग्रामसेनानीडॉ.सत्यवतीसिन्हाकानिधनहोगया।दोपहरसाढ़ेतीनबजेउन्होंनेअंतिमसांसली।उनकेनिधनसेशहरमेंशोककीलहरदौड़गईहै।शनिवारकोउनकाअंतिमसंस्काररुड़कीकेसतीमोहल्लास्थितश्‍मशानघाटमेंकियाजाएगा।

देशकीस्वतंत्रताकेलिएतन-मन-धनसेअपनायोगदानदेनेवालीडा.सत्यवतीसिन्हाअबइसदुनियामेंनहींरही।वहशहरकीअंतिमस्वंतत्रतासंग्रामसेनानीथी।पिछलेएकसालसेवहअपनीस्मरणशक्तिखोचुकीथी,जबकिगतएकसप्ताहसेउनकास्वास्थ्यअधिकबिगड़गयाथा।वहअपनीबेटीकिरणकौशिककेसाथचंद्रपुरीमेंरहतीथी। वहअपनेपीछेतीनबेटियोंऔरएकबेटेकोछोड़गईहैं।

मूलरूपसेबरेलीनिवासीडा.सिन्हाकाजन्म23जून1926कोहुआथा।उन्होंनेअपनेजीवनकेदोसालजेलमेंकाटेथे।उधर,राष्ट्रपितामहात्मागांधीकेकरोयामरोआंदोलनमेंकूदकरभीब्रिटिशसाम्राज्यकेखिलाफउन्होंनेकईजुलूसनिकालेथे।जबइनकीउम्रमात्र16सालकीथीउसवक्तइनकाविवाहजगदीशनारायणसिन्हासेहुआथा।स्वतंत्रतासेनानीएवंउत्तरप्रदेशसरकारमेंशिक्षामंत्रीरहेउनकेपतिस्वर्गीयजगदीशनारायणसिन्हासेहीउन्हेंस्वतंत्रताआंदोलनमेंसक्रियभूमिकानिभानेकीप्रेरणामिलीथी।

डा.सत्यवतीकामायकापक्षहोयाससुरालदोनोंनेहीस्वतंत्रताआंदोलनमेंमहत्वपूर्णयोगदानदियाथा।उनकेताऊजहांनमकछोड़ोआंदोलनसेजुड़ेरहे,वहींदादा-दादीभी स्वतंत्रतासेनानीथे।उनकीबेटीकिरणकौशिककेअनुसारस्मरणशक्तिखोनेकेबादअक्सरउनकीमाताजीपरिवारकेसदस्योंकोपहचाननहींपातीथी,लेकिनकिसीभीबच्चेकेसामनेआतेहीवेदेशभक्तिकीभावनासेओतप्रोतगीतआओबच्चोंतुम्हेंदिखाएंझांकीहिंदुस्तानकीऔरझंडाऊंचारहेहमारागीतगुनगुनानानहींभूलतीथी।

उन्होंनेबतायाकिमाताजीकेअंतिमसंस्कारसेपहलेशनिवारकोबीटीगंजमेंशोकसभाकाआयोजनकियाजाएगा।जहांपरवेप्रत्येकवर्ष26जनवरीऔर15अगस्तकोतिरंगाफहरायाकरतीथी।उधर,नगरविधायकप्रदीपबत्रानेकहाकिडा.सत्यवतीसिन्हाकेनिधनसेशहरनेएकबहुमूल्यरत्नखोदियाहै।उन्होंनेडॉ.सिन्हाकेनिधनपरगहरादुखव्यक्तकिया।

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