जागरणसंवादददाता,लुधियाना:पंजाबकृषिविश्वविद्यालयमेंभूमिवपानीकीसंभालकेविषयपरखोजवप्रसारमाहिरोंकीगोष्ठीआयोजितकीगई।कोरोनाकालकेबादपहलीबारआफलाइनकरवाईगईइसगोष्ठीमेंखेतीबाड़ीविभाग,पीएयू,केवीकेकेवैज्ञानिकशामिलहुए।इसमौकेपरविशेषमेहमानकेतौरपरपंजाबकेमुख्यमृदासंरक्षकमहिदरसिंहशामिलहुए।
महिदरसिंहनेअपनेभाषणमेंकहाकिकृषिक्षेत्रमेंजोसमस्याएंहैं,उनमेंपानीअहमहै।सभीविभागोंकोमिलकरपानीबचानेकोलेकरप्रयत्नकरनेचाहिए।अलग-अलगधर्मोंमेंपानीकेमहत्वकोलेकरबतायागयाहै।उन्होंनेआंकड़ोंकीबातकरतेहुएकहाकिपंजाबके150मेंसे117ब्लाकपानीकीकमीसेजूझरहेहैं।इसकेमद्देनजरसीधीबिजाईसार्थककोशिशहै।उन्होंनेअपनेविभागद्वाराभीपानीकीसंभालकेलिएकिएजारहेप्रयासोंकेबारेमेंजानकारीदी।महिदरसिंहनेकहाकिकंडीक्षेत्रोंमेंपानीकीरिचार्जिंगकेलिएविशेषकोशिशेंकीजारहीहै।इसकेसाथहीसूक्ष्मसिचाईविधिकोभीलागूकरनेकीजरूरतहै।उन्होंनेकिसानोंकोफसलविविधिकरणअपनानेकेलिएप्रेरितकियावकहाकिसरकारइसदिशामेंसंजीदगीसेकोशिशकररहीहै।
पीएयूकेनिर्देशकखोजडा.अजमेरसिंहढटनेपानीवभूमिकीसंभालकोलेकरकिएजारहेप्रयासोंकेबारेमेंबताया।उन्होंनेकहाकिपीएयूनेपीआर124किस्मतैयारकीहै,जोकिजल्दीपककरतैयारहोजातीहै।