भीमताल,जागरणसंवाददाता:सल्टकेमनीलामहाविद्यालयकानामस्वर्गीयसुरेंद्रसिंहजीनाकेनामपररखनेकीमुख्यमंत्रीकीघोषणासेपद्मश्रीडाक्टरयशोधरमठपालनाराजहैं।संग्रहालयमेंआयोजितपत्रकारवार्ताकेदौरानपद्मश्रीनेअपनीनाराजगीव्यक्तकी।उन्होंनेबतायाकिस्व.जीनाकेजन्मसेलगभगचारदशकपूर्वसन1926मेंमनीलामेंएकमिडिलस्कूलकीस्थापनाप्रसिद्धस्वतंत्रतासंग्रामसेनानीहरिदत्तमठपालनेकीथी।जिसेबादमेंउन्होंनेउसेराजकीयमहाविद्यालयमेंपरिवर्तितकरदियाथा।
स्व.गोविंदबल्लभपंत,हरिदत्तकोअपनाछोटाभाईजैसामानतेथे।बतायाकिमिडिलस्कूलकीस्थापनापरउपहासमेंएकबारउन्होंनेकहाथाभुलातूनेदूरमनीलाकेजंगलमेंस्कूलखोलदियाहैजबहरस्थानमेंस्कूल,हाईस्कूलहोजाएंगेतोहमेंबोझाढोनेवालेकहांसेमिलेंगे।युवाहरिदत्तनेउत्तरतोकुछनहींदियालेकिनमिडिलस्कूलकोअपनीप्रतिष्ठाकाप्रश्नबनादिया।
उन्होंनेबतायाकि1971मेंजबउनकीमृत्युहुईतबतकवह45वर्षोंतकविद्यालयकेप्रबंधकरहे।उसीवर्षविद्यालयप्रांगणमेंउनकीमूर्तिलगी।उन्होंनेबतायाकिस्कूलकाइंटरमीडियटकापरीक्षाफल38प्रतिशतआनेपरउन्हेंसदमालगा।जिसकेबादउनकानिधनहोगया।पद्मश्रीनेबतायाकिस्वर्गीयजीनाकीमृत्युकादुखसभीकोहै,लेकिनएकचुनावीलाभकेलिएसत्यकीउपेक्षाकरनाभीठीकनहींहै।उन्होंनेमुख्यमंत्रीसेअपनीघोषणाकोवापसलेनेकीअपीलकीहै।