जमशेदपुर:आजकेयुगमेंहमारेपासबातकरनेकेलिएमोबाइल,कहींभीआने-जानेकेलिएवाहन,यात्राकरनेकेलिएट्रेनसेलेकरहवाईजहाजतकहैलेकिनसोचे1892केउसदौरमेंजबइतनाविकासनहींहुआथा,उससमयमेंटाटासमूहकेसंस्थापकजेएनटाटानेनसिर्फअपनीदूरदर्शितासेनएभारतकासपनादेखाबल्किउसेसाकारकरनेकेलिएआवश्यकपहलभीकी।तोआइएजानतेहैंकिउन्होंनेकिसतरहसेइसकेलिएपहलकी
दूरदर्शीथेजेएनटाटा
जेएनटाटाकाजन्म1839मेंगुजरातकेनवसारीमेंहुआथा।प्रारंभिकशिक्षाकरनेकेबादउन्होंनेइंग्लैंड,अमेरिकासहितकईदेशोंकादौराकिया।इसदौरानउन्होंनेयहदेखाकिदक्षमैनपावर,पर्याप्तईंधनऔरजरूरीसंसाधनकीमददसेकिसीभीकंपनीकोशुरूकियाजासकताहैबल्किदेशकाभविष्यभीबदलाजासकताहै।इसकेलिएउन्होंनेकर्मचारियोंकोदक्षकरनेकेलिएप्रौद्योगिकीसंस्थानकीनींवरखनेकीपहलकी।इसकेलिएउन्होंनेलार्डकर्जनसेलेकरस्वामीविवेकानंदसेअपीलकी।
चिकित्साकेक्षेत्रमेंकीपहल
जेएनटाटाकेसमयमेंभारतमेंशिशुमृत्युदर60प्रतिशततकथी।इससेदेशकीभावीपीढ़ीकोखतराथा।साथहीयहदेशकेलिएएकगंभीरसमस्याथी।जेएनटाटानेइसेसमझाऔरबिनाबेहतरवआधुनिकचिकित्साकेयहसंभवनहींथा।ऐसेमेंजमशेदजीटाटानेयहमहसूसकियाकियदिघरकीमहिलाएंकमबीमारहोंगीतोवेपुरुषडाक्टरकेपासजानेसेबचेंगी।इसकेलिएउन्होंनेमिडवाइफरी,महिलाओंऔरबच्चोंकोहोनेवालीबीमारियोंकाअध्ययनकरनेकेलिएफ्रेनीकामाकोछात्रवृत्तिकेलिएसम्मानितकिया।
कृष्णाबाईकेलावकर
फिरउन्होंनेपारसीमहिलाओंकेलिएआरक्षितकोटाकोनजरदांजकरतेहुएकृष्णाबाईकेलावकरद्वाराप्रायोजितएकसमझौतेपरहस्ताक्षरकिया।जिसकेतहतमहिलाओंकोउनकेस्वास्थ्यकेप्रतिप्रशिक्षितकियागया।जेएनटाटावकृष्णाबाईकेलावकरनेमिलकरआधुनिकराष्ट्रकेनिर्माणमेंमहत्वपूर्णभूमिकानिभाई।
जेएनटाटाकीपहलपरफगर्यूसनकॉलेजमेंउनकादाखिलाकराया।इसकेबादउन्होंनेस्नातककीउपाधिप्राप्तकी।इसकेबादउन्होंनेजातिगतव्यवस्थाकोसमाजसेहटाने,महिलाशिक्षाकोप्रोत्साहितकरनेऔरबालविवाहकोसमाप्तकरनेकीदिशामेंभीपहलकीऔरयहसबजेएनटाटाकीपहलसेहीहोपाया।
कृष्णानेमरीजोंकाशुरूकियाइलाज
बेहतरतकनीकीशिक्षाप्राप्तकरनेकेबादकृष्णाबाईकेलावकरनेअल्बर्टएंडवर्डमेमोरियलहास्पिटलमेंविमेंनएंडचिल्ड्रेनविभागमेंअपनीमुस्कानसेरोगियोंकाइलाजकरनाशुरूकियाऔरइसकेलिएउन्हेंकाफीप्रशंसाभीमिली।केलावकरकेनिधनकेबाद1969मेंकेलावकरमेडिकलसेंटरस्थापितकियागयाजोभारतमेंशिशुमृत्युदरकोकमकरनेकेलिएकामकरतीहैऔरसंस्थाकीपहलपरआजदेशकीशिशुमृत्युदरपांचप्रतिशतसेभीकमहै।जसेजेएनटाटाकेस्कॉलरशिपकेबिनासंभवनहींथा।
दूरदृष्टिकेकारणदेशहुआसमृद्ध
जेएनटाटाजानतेथेकियहदेशतभीआगेबढ़सकताहैजबयहांकेबच्चोंकेपासउच्चतकनीकीशिक्षाहो।इसकेलिएउन्होंनेप्रौद्योगिकीसंस्थानकीस्थापनाकरनेकीसोची।साथहीपनबिजलीवथर्मलपावरप्लांटकेनिर्माणकेलिएभीपहलकी।हालांकियेदोनोसंस्थानउनकेजीवनकालमेंशुरूनहींहोपायालेकिनउनकेबेटेसरदोराबजीटाटानेअपनेपिताकेसपनेकोपूराकरसमृद्धभारतकानिर्माणकरपिताकीदूरदृष्टिकोसहींसाबितकिया।
इसकेअलावाउन्होंनेभारतमेंऔद्योगिकक्रांतिकीभीनींवरखी।उनकीसोचकीबदौलतहीझारखंडकेपूर्वीसिंहभूमजिलेकेसाकचीमेंवर्ष1907मेंटाटाआयरनएंडस्टीलकंपनीकीनींवरखीगईऔर12फरवरी1912मेंदेशमेंपहलाइंगोटस्टीलकाउत्पादनहुआ।