पटना।सबनीमामेंआयोजितमहाकालीप्राणप्रतिष्ठासमारोहएवंमहायज्ञकेछठेदिनरविवारकोकथाव्याससोनममिश्रानेकहाकिभागवतकथाहमेंसंस्कारकेसाथजीवनकीकलासिखातीहै।कलयुगमेंअवतारसेनहींसंस्कारसेहीकुरीतियोंपरविजयप्राप्तकियाजासकताहै।जबहमारेअंदरसुविचारहोगातोरामनामसंकीर्तनहरजगहसंभवहै।कथाकेदौरानउन्होंनेरुक्मिणीविवाहकाभीसंगीतमयचित्रणकिया।इससेपूर्वकथापीठपरइनकेदाखिलहोतेहीग्रामीणोंनेभगवानकीआरतीसेलोगोंकेबीचभक्तिकासंचारकरदिया।
ईश्वरसेप्रेमकरें,वासनाओंकेत्यागसेहीप्रभुसेमिलनसंभव-रविशंकरप्रसाद
संसू,खुसरुपुर:श्रीमद्भागवतकथाबड़ेसेबड़ेपापियोंकोभीपापमुक्तकरदेतीहै।जोव्यक्तिभागवतकथाआत्मसातकरलेताहै,वहसांसारिकदुखोंसेमुक्तहोजाताहै।यहविचारखुसरुपुरकेजगमालबीघागांवमेंचलरहीश्रीमद्भागवतकथामेंआयोजितसभाकोसंबोधितकरतेहुएपटनासाहिबकेसांसदरविशंकरप्रसादनेप्रकटकिया।सांसदनेकहाकिजीवनमेंयदिमान,बड़ापदयाप्रतिष्ठामिलाजाएतोउसेईश्वरकीकृपामानकरभलाईकेकार्यकरनाचाहिए।उन्होंनेमहाभारतकेकईप्रसंगभीसुनाए।कर्णऔरभगवानश्रीकृष्णकेबीचसंवादकोबतातेहुएउन्होंनेकहाकियुद्धकेदौरानजबकर्णकीभगवानकृष्णसेचर्चाहुईतोकर्णनेकहाकिमृत्युकेबादऐसीजगहमेरादाहसंस्कारहोजहांआजतककिसीकानहींहुआ।भगवाननेउसकीमृत्युकेबादकर्णकाअंतिमसंस्कारअपनेहाथोंसेकिया।उन्होंनेकहाकिभगवानप्रेमकेभूखेहैं।वासनाओंकात्यागकरकेहीप्रभुसेमिलनसंभवहै।उन्होंनेश्रद्धालुओंसेकहाकिवासनाकोवस्त्रकीभांतित्यागदेनाचाहिए।इसमौकेपरपथनिर्माणमंत्रीनितिननवीन,सांसदचिरागपासवान,पूर्वविधायकरणविजयसिंह,ईमुकेशकुमारसहितअन्यगणमान्यलोगमौजूदथे।