(पवनकुमारसिंहऔररंजीतकुमारसिन्हा)नयीदिल्ली,13अप्रैल(भाषा)हवाईसुप्रीमकोर्टकेन्यायाधीशमाइकलडीविल्सनकाकहनाहैकिभारतऔरपाकिस्तानकेबीचकोईसैन्यटकरावएक‘‘अनावश्यकधारणा’’है।इसकेसाथहीउन्होंनेजोरदियाकिदोनोंदेशोंद्वारासाझेदारीमेंबहुतकुछकरनेकीजरूरतहै।न्यायमूर्तिविल्सनकेअनुसारदोनोंदेशकईअन्यसमस्याओंकासामनाकररहेहैंजैसेजलवायुपरिवर्तनकाखतरा।हालांकि,कोईविशेषराजनीतिकउद्देश्यप्राप्तकरनेकेलिएआतंकवादऔरहिंसाकाउपयोगनागरिकोंकोनुकसानपहुंचानेकेलिएनहींकियाजासकता।जबइसतरहकेकार्यकिएजातेहैंतोजवाबदेहीआवश्यकहै।उनकाविचारथाकिदोनोंदेशोंकेबीचसांस्कृतिकसंपर्कमेंसुलहकरानेकीक्षमताहै।उन्होंनेपीटीआईसेकहा,‘‘मुझेलगताहैकियहविचारअनावश्यकधारणाहैकिदोनोंसमाजोंकीरक्षाकेलिएएकसैन्यटकरावकीआवश्यकताहै।आतंकवादकेसंबंधमें,मैंइसविचारसेसहमतनहींहूंकिराजनीतिकउद्देश्यप्राप्तकरनेकेलिएकोईमासूमनागरिकोंकोचोटपहुंचानेकीखातिरहिंसाकाउपयोगकरे।जबइसतरहकेकृत्यहोतेहैंतोजवाबदेहीआवश्यकहैऔरदेशोंकोअपनेनागरिकोंकीरक्षाकरनीहोतीहै।’’न्यायाधीशनेकहाकिभारतऔरपाकिस्तानमेंप्रतिभाएंहैंतथादोनोंदेशोंकेअच्छेनेताओंकोउन्हेंमेलजोलकाइसप्रकारसेअवसरदेनाचाहिएकियदियहऔपचारिकराजनीतिकमेलजोलनहींहोतोकमसेकमसांस्कृतिकसंबंधबनसकें।उन्होंनेकहाकिभारत,पाकिस्तानऔरबांग्लादेश‘‘विफलदेशनहींहैं’’औरतीनोंपड़ोसियोंमेंप्रतिभाऔरअखंडताहैतथापर्यावरणकेमुद्दोंसेनिपटनेकेलिएउनकेद्वारासाझेदारीमेंबहुतकुछकियाजासकताहै।न्यायमूर्तिविल्सन,ओपीजिंदलग्लोबलयूनिवर्सिटीकेकुलपतिसीराजकुमारकेनिमंत्रणपरयहांआएथे।उन्होंनेविश्वविद्यालयद्वारायहांआयोजित‘‘पर्यावरणन्यायऔरकानूनकेनियम:न्यायपालिकाऔरन्यायाधीशोंकीभूमिका’’परहरितकानूनव्याख्यानदिया।उन्होंनेविभिन्नपर्यावरणीयमुद्दोंसेनिपटनेमेंराष्ट्रीयहरितअधिकरणसहितभारतीयन्यायपालिकाकीसराहनाकी।न्यायाधीशनेहवाईमेंएकअदालतकीस्थापनामेंप्रमुखभूमिकानिभाईहैजोपर्यावरणकानूनोंकीविशेषज्ञहै।