बिना धन कैसे पेट भरे भूख से बिलखती गोमाता

जासं,मैनपुरी:मुख्यमंत्रीनिराश्रितगोवंशसहभागितायोजनाकेमाध्यमसेकस्बाज्योंतीखुड़ियानिवासीरनवीरसिंहनेएकबेसहारागायकोपालनेकेलिएएकसालपहलेलियाथा।एकसालसेवहगायकोपालरहेहैं,लेकिनशासनकीओरसेप्रतिदिनतीसरुपयेमिलनेवालीधनराशिनहींमिलनेसेवहगायकापेटभरनेकोलेकरपरेशानहैं।बिनादूधवालीगायकोअबचाराआदिखिलानेकेलिएउनकोदिक्कतहोनेलगीहैं।

यहअकेलेरनवीरकादर्दनहीं,बल्किजिलेकेअन्य612औरपालकोंकाहै।एकसालपहलेयोजनाकेतहतदूधारूगायपालनेकोलेनेवालेपालककुछमाहपहलेतकदूधहोनेसेगायकापेटआसानीसेभररहथे।दूधदेनाबंदकरनेकेबादपालकोंकीआयबंदहुईतोमहंगाईकीवजहसेपालकपरेशानहोनेलगे।हरनागरपुरगांवकीगोपालकमंजूनेबतायाकिएकगायसुपुर्दगीमेंलीथी।शासनसेमिलनेवालीमासिकनौसौरुपयेकीराशिउनकोकईमाहसेनहींमिलरहीहै,जिससेमहंगाईकेसमयमेंगायकापेटभरनामुश्किलहोरहाहै।चिकित्सकभीकईबारजांचकरलेगए,लेकिनधनराशिआजतकनहींमिली।

फसलोंकोनुकसानसेबचानेकेलिएबेसहारागायकोआयकाजरियाबनानेकेलिएयोगीसरकारनेपहलेकार्यकालमेंसीएमनिराश्रितगोवंशसहभागितायोजनालागूकीथी।इसमेंएकगायकोपालनेवालेपालककोइसकेएवजमेंतीसरुपयेहरदिनदिएजानेकाप्रविधानथा।

पालीजारहीं896गाय

योजनाकेतहतजिलेमें896बेसहारागायोंकोपालकसहारादेरहेहैं।जिलेके613पालकइसयोजनासेजुड़ेहैं।ऐसेपालकोंकोएकसालसेअबतकपालनकेएवजधनराशिनहींमिलसकीहै।

योजनामेंगायपालरहीजागीरकीविनीताकाकहनाहैकिबीतेमाहविकासभवनस्थितपशुपालनविभागजानकारीकोगई।विभागीयअधिकारियोंनेजांचकेबादधनराशिआनेकीबातकहदी,लेकिनधनराशिनहींआई।

जांचमेंफंसाहैमामला-

सुपुर्दगीमेंबेसहारागायपालनेवालेपालकोंकोजारीहोनावालीधनराशिजांचमेंफंसीहै।बीतेदिनपशुपालनविभागकेचिकित्सकोंनेऐसेपालकोंकाडाटासत्यापितकरकेभेजा,जिसेअधिकारियोंनेतबज्जोंनहींदी।फाइलपरतमामप्रश्नचिन्हलगादिए।अबपशुचिकित्सकोंसेपालककागायकेसाथफोटोसमेतसत्यापनकरनेकोकहदियाहै।

गायपालकोंकोधनराशिकुछकमियोंकीवजहसेजारीनहींहोपारहीहै।जांचकाकामपूराहोतेहीधनराशिजारीहोगी।

-बीपीसिंह,सीवीओ।